क्या आप जानते हैं माता सरस्वती को चतुर्भुज देवी भी कहा जाता है। चलिए जानते हैं माता सरस्वती से जुड़ी कुछ बातें माता सरस्वती का निवास स्थान बैकुंठ या सत्यलोक है। माता सरस्वती के प्रमुख अस्त्र विना,माला और पुस्तक है। माता सरस्वती का वाहन मोर और राजहंस है। माता सरस्वती कमल पर भी विराजमान होती है।
क्या आप जानते हैं एक सरस्वती ब्रह्मा की पत्नी और एक ब्रह्मा की पुत्री भी है
चलीए विस्तार से बताते हैं हिंदू धर्म यानी सनातन धर्म शास्त्रों में दो सरस्वती का वर्णन आता है पहला सरस्वती तो ब्रह्मा जी की पत्नी को कहा जाता है जिसके बारे में हम इस पोस्ट में भी बता रहे हैं। लेकिन एक सरस्वती और है। जो भगवान विष्णु की पत्नी है।
एक सरस्वती ब्रह्मा जी के जिह्वा से प्रकट हुई थी और वह सरस्वती भगवान विष्णु की पत्नी जिन्हें शास्त्रों में मुरारी वल्लभा (विष्णु पत्नी) कहां गया है। अगर आपको हमारी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा है तो आप विकिपीडिया में जाकर देख सकते हैं।
कुछ शास्त्रों में ब्रह्मा जी की पुत्री सरस्वती को विष्णु पत्नी सरस्वती से पूर्णता अलग बताया गया है। उसमें तीन सरस्वती का वर्णन आता है । जिनके कुछ पर्याय नाम - शारदा, वाणी, वागेश्वरी, वेदमाता इत्यादि है।
माता सरस्वती की उपासना करके मूर्ख भी विद्वान बन सकता है इसलिए माता सरस्वती के प्रति अगर आपमें श्रद्धा भाव है। तो आप निश्चित रूप से विद्वान बन सकते हैं। क्योंकि आपने सपने में माता सरस्वती को देखा है इसलिए कहीं ना कहीं आपके अंदर माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा भाव तो जरूर है।
कई ग्रंथों से जानकारी मिलती है कि महाकवि कालिदास, वरदराजाचार्य, वोपदेव एवं इत्यादि मुड़ बुद्धि के लोग भी माता सरस्वती की उपासना करके उच्च कोटि के विद्वान बन गए थे। जिन्होंने बाद में कई सारे पुस्तकें ग्रंथ लिखे हैं।
माता सरस्वती ज्ञान विद्या संगीत कला की अधिष्ठात्री देवी है। और इनका आपके सपने में आना बहुत ही शुभ फल देता है।
इसलिए अगर आपने सपने में सरस्वती माता को देखा है तो आपको माता सरस्वती की वंदना जरूर करनी चाहिए नीचे मैं माता सरस्वती की वंदना के कुछ श्लोक लिख रहा हूं जिसे आप नित्य पाठ कर सकते हैं। जिससे आपके सपने का प्रभाव और ज्यादा तीव्र फलदाई होगा।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥
आप रोज सुबह सो कर उठने के बाद फ्रेश होकर स्नान करें उसके बाद माता सरस्वती की प्रतिमा के सामने धूप दीप अगरबत्ती यथासंभव जितना आपसे संभव हो सके दिखाकर आप सरस्वती की इन मंत्रों का उच्चारण कर वंदना करें इससे आपके सपने का प्रभाव भी बढ़ेगा और आपको शीघ्र मनोवांछित फल प्राप्त होगा।
माता सरस्वती की उपासना करने वाले लोगों का काल भी कुछ नहीं कर पाता है क्योंकि माता सरस्वती किसी की भी बुद्धि उलट सकती है। और वह अपने भक्तों का पूरा ख्याल रखती है उन्हें किसी भी प्रकार की बाधाओं से हमेशा दूर रखती है।
इसलिए लगातार तीन महीने तक अगर आप माता सरस्वती के इन श्लोकों का उच्चारण और यथा संभव पूजा पाठ नित्य करते हैं तो 3 महीने के अंदर आपको इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल जाएंगे।
अगर कोई दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति के सपने में माता सरस्वती आती है। तो उनको माता सरस्वती के सपने में आने का लाभ नहीं बल्कि हानि होता है। माता सरस्वती अधर्मी और दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्तियों के सपने में भी आती है लेकिन उनके सपने में केवल उन्हें चेतावनी देने के लिए आती है कि उनके पास अभी भी समय है सुधरने के लिए अगर वह समय रहते सुधर जाए माता सरस्वती उन पर क्रोधित नहीं होती है।
लेकिन अगर वह व्यक्ति समय रहते नहीं सुधरता है तो माता सरस्वती उनके जीवन में वास कर उनकी बुद्धि भ्रष्ट कर देती है उनसे गलत काम करा कर उन्हें दंड दिलाती है। इसलिए अगर आप दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं तो आपको मदद सरस्वती के सपने में आने से खुश नहीं होना चाहिए उनके आपको अपने कर्म बदलने चाहिए आपको अच्छे कर्म करने चाहिए।